हमने कुछ किया तो उसे
फ़र्ज बताया गया
फ़र्ज बताया गया
उन्होंनें कुछ किया तो उसे
क़र्ज बताया गया
क़र्ज बताया गया
आओ! विसंगतियां देखें जीवन की
अपनी सुविधानुसार हमें
शब्दों का अर्थ समझाया गया |
शब्दों का अर्थ समझाया गया |
पाकर खुशी मेरे आँसू निकल पड़े ,
उन्होंनें समझा मै दु:खी हूँ
मै अन्दर उदास,बाहर से हँस रही थी
उन्होंने समझा मै खुश हूँ ,
चीजें जैसी दिखती हैं वैसी होती नहीं
चीजें जैसी दिखती हैं वैसी होती नहीं
और कभी-कभी जैसी होती हैं
वैसी दिखतीं नहीं
तभी तो उन्होंनें, न मेरी हँसी के
पीछे छिपे दर्द को समझा
और न उस खुशी को ,
जो आंसुओं में बह रही थी
जो आंसुओं में बह रही थी
पानी में मीन पियासी
और भीड़ में भी
आदमी तन्हा हो सकता है
और भीड़ में भी
आदमी तन्हा हो सकता है
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