गुरुवार, 22 सितंबर 2011

वो पल



एक पल प्यार है
एक पल खुमार है
एक पल बयार है
एक पल फुहार है,
कौन जाने,
कब फिसल जाये जीवन की मुटठी से,
क्यों न इसे बांध लें, नयनों के कोने में|
इसी पल ने चाहत दी
इसी पल ने दी खुशी
इसी पल ने बुने गीत
इसी पल में मिला मीत
क्यों न इसे उतार लें हृदय के कोने में |
यह पल चला गया, तो
फिर नहीं आयेगा
यह पल चला गया, तो
मीत रूठ जायेगा
क्यों न उसे पुकार लें, प्यार की गुहार से ।
मोहिनी चोरडिया

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