गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

नव वर्ष पर एक पाती

नया वर्ष सुसज्जित हो
शुभ विचारों से
उन्नत संस्कारों से
सामाजिक सरोकारों से

नव वर्ष में लिखें, नई बातें
सिर्फ पेपर पर ही नहीं
सिर्फ  फेस बुक, अभिव्यक्ति पर ही नहीं
लिखें अपने ह्रदयपटल पर

लिखें ही नहीं.....

शपथ लें
सिर्फ भ्रष्टाचार से लड़ने की ही नहीं
भ्रष्टाचार न करने
न फैलाने की ,

प्रतिज्ञा करें
आतंकवाद को रोकने की ,
और
आतंकवाद न फैलाने की

संकल्प दोहराएँ
चरित्रहीनता, से ऊपर उठने का
जाफर, जयचंदों से देश को बचाने का
और, स्वयं जयचंद न बनने का

भगतसिंह,खुदीराम ने
मादरे वतन की कसम खाई थी
हम उनकी शहादत की कसम खायें
हमारे देश को हमारा समझें
ऐसा मन बनायें

देश की तरक्की की आरज़ू जगायें ,
रामप्रसाद बिस्मिल की
" सरफरोशी की तमन्ना"
एक बार फिर से दोहरायें

जब तक जान न जुदा हो तन से
देश की धरती को
जन्नत बनाने के
ख्व्वाबों को हकीकत बनायें |

मोहिनी चोरड़िया






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